प्रदेश में मानसून का मिजाज कुछ जिलों में जहां खुशनुमा है वहीं कुछ में यह अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। विशेष रूप से भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, राजसमंद, उदयपुर, जालौर, और पाली जैसे 9 जिलों में जहां भारी बारिश का अलर्ट है वहीं बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और सिरोही में अति भारी बारिश की संभावना से स्थानीय निवासियों को खासी सावधानी बरतने की जरूरत है।
मानसून की दस्तक के साथ बदलता मौसम
हाल ही में मौसम विभाग ने मानसून के बारे में जारी अपने बुलेटिन में जिक्र किया कि मानसून की ट्रफ लाइन के परिवर्तन के साथ प्रदेश में बारिश का दौर फिर से शुरू हो गया है। इसके चलते मंगलवार को जयपुर, अलवर, झालावाड़, सीकर, डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही, प्रतापगढ़ सहित अन्य जिलों में बारिश हुई जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को कुछ राहत मिली। विशेष रूप से झालावाड़ में 52 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई जो अब तक की सबसे अधिक बारिश थी।
पश्चिमी राजस्थान में गर्मी का प्रकोप
एक तरफ जहां प्रदेश के कई हिस्से बारिश से भीग रहे हैं, वहीं पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, फलौदी, बाड़मेर, बीकानेर जैसे जिले भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे हैं। जैसलमेर में तापमान सर्वाधिक 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि इस सीजन में सबसे अधिक है। इस गर्मी के चलते स्थानीय लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी बढ़ रही हैं।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में मानसूनी गतिविधियाँ और तेज होने की संभावना है। 18 जुलाई से प्रदेश के कई इलाकों में अति भारी बारिश के आसार बताए जा रहे हैं। इस दौरान सभी निवासियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने की सलाह दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने भी बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन उपायों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं।