उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है. यह खूबसूरत हिल स्टेशन नैनीताल से 51 किलोमीटर, हल्द्वानी से 72 किलोमीटर और दिल्ली से 343 किलोमीटर दूर स्थित है. 7500 फीट की ऊँचाई पर बसे इस स्थल पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक प्रकृति की गोद में समय बिताने का आनंद उठाते हैं.
मुक्तेश्वर मंदिर
मुक्तेश्वर का नाम यहाँ स्थित एक प्राचीन मंदिर मुक्तेश्वर धाम से मिलता है जिसे कहा जाता है कि पांडवों ने निर्वासन के दौरान बनाया था. यह मंदिर 5500 साल पुराना है और इसके चारों ओर देवदार के घने जंगल हैं. यहां से चॉली की जाली का ट्रेक भी शुरू होता है जो अपनी रोमांचकारी चढ़ाई के लिए जाना जाता है.
प्राकृतिक सौंदर्य और ट्रेकिंग
मुक्तेश्वर की विशेषता इसकी शांति ताजगी भरी हवाएं और नज़ारों का भरपूर आनंद है. यहां के देवदार के जंगल, विभिन्न प्रकार के पक्षी और हिमालय के मनोरम दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहां की घाटियों और जंगलों में ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, कैंपिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों को खासकर आकर्षित करती हैं.
चौली की जाली और अन्य पर्यटन स्थल
चौली की जाली मुक्तेश्वर मंदिर के पास स्थित है और यह एक लोकप्रिय पर्वतीय चट्टान है जहाँ से हिमालय की शानदार दृश्यावली दिखाई देती है. यहां पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसे रोमांचक खेलों में भाग ले सकते हैं.
भालूगाड़ झरना
मुक्तेश्वर के निकट स्थित भालूगाड़ झरना इस क्षेत्र की एक प्रमुख विशेषता है. यह 60 फीट ऊंचा झरना अपनी सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों का ध्यान खींचता है. इस झरने के निचले भाग में उत्पन्न होने वाला इंद्रधनुष इसे और भी मनमोहक बना देता है.
पीरूमदारा
नैनीताल से कुछ दूर स्थित पीरूमदारा एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है. यहां की हरी-भरी वादियां और शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं. पीरूमदारा में घूमते हुए आपको लगेगा कि आप प्रकृति की गोद में समय बिता रहे हैं.