भारत भर में वाहन चालकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए 26 जुलाई से मौजूदा टोल सिस्टम को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसकी जगह पर एक नई और आधुनिक सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली की शुरुआत की जाएगी जिससे टोल प्लाजा पर होने वाले भीषण जाम से छुटकारा मिलेगा और टोल संग्रहण में भी वृद्धि होगी।
नई प्रणाली की विशेषताएं
नितिन गडकरी ने बताया कि नई टोल संग्रह प्रणाली जिसे वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) कहा जाता है का उपयोग करेगी। यह प्रणाली आपके वाहन के स्थान को सैटेलाइट के माध्यम से ट्रैक करेगी और यात्रा की गई दूरी के अनुसार ही टोल की राशि आपके बैंक खाते से काटी जाएगी। यह प्रणाली न केवल समय की बचत करेगी बल्कि ईंधन की खपत को भी कम करेगी।
वर्कशॉप और व्यापक तैयारियां
इस सिस्टम को विकसित करने के लिए पिछले महीने एक अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया। इस वर्कशॉप में GNSS पर आधारित टोल सिस्टम के परिचालन, सुरक्षा और वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा की गई। इसके अलावा जून महीने में इस परियोजना के लिए एक वैश्विक अभिरुचि अभिव्यक्ति (EOI) भी जारी की गई थी जिसमें औद्योगिक भागीदारों को आमंत्रित किया गया था।
पायलट प्रोजेक्ट और फ़्यूचर प्रॉजेक्ट्स
इस नई प्रणाली का ट्रायल पहले ही कर्नाटक के NH-275 पर और हरियाणा के NH-709 पर सफलतापूर्वक किया जा चुका है। नितिन गडकरी ने यह भी घोषणा की है कि मार्च 2024 तक इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस प्रणाली को लागू करने से वाहन चालकों को बड़ी सहूलियत होगी और टोल प्लाजा पर उन्हें लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।