मुगल साम्राज्य का इतिहास अपने आप में न केवल विजय की कहानियों से भरा है, बल्कि विलासिता और भव्यता के अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। मनूची और फ्रांसिस्को पेलसर्ट जैसे यूरोपीय यात्रियों ने मुगल दरबार के जीवन की झलकियाँ अपनी यात्रा वृत्तांतों में दर्ज की हैं। इन वृत्तांतों से पता चलता है कि मुगल बादशाह जहांगीर किस प्रकार भोग-विलास में लिप्त रहते थे। जहांगीर के समय में उनके हरम में न केवल महिलाएं बल्कि किन्नर भी शामिल थे जो उस दौर के सामाजिक ढांचे में एक दिलचस्प पहलू जोड़ते हैं।
हरम की भव्यता और दासियों का जीवन
मुगल बादशाहों के हरम की भव्यता उस समय की राजसी शान को दर्शाती है। प्रत्येक रानी की देखभाल के लिए दासियों की एक पूरी फौज होती थी जहां प्रत्येक रानी के पास कम से कम 20 दासियां होतीं। ये दासियां न केवल सेवा में तत्पर रहतीं बल्कि अपने सौंदर्य और वेशभूषा पर विशेष ध्यान देतीं ताकि वो बादशाह की नज़रों में चढ़ सकें। इस तरह की प्रथाएं उस समय के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे की जटिलताओं को प्रकट करती हैं।
एक विलासी बादशाह का पोर्ट्रेट
फ्रांसिस्को पेलसर्ट की किताब ‘जहांगीर इंडिया’ में जहांगीर के विलासितापूर्ण जीवन का वर्णन किया गया है। किताब के अनुसार जहांगीर ने मात्र 25 वर्ष की उम्र में 20 विवाह किए थे। उनके हरम में 300 से अधिक महिलाएं थीं जिनकी संख्या समय के साथ बढ़ती गई। यह उनके भोग-विलास के असीम प्रेम को दर्शाता है।