भारतीय सिनेमा की गलियों में भोजपुरी फिल्मों का विकास एक उल्लेखनीय सफर रहा है। पहले जहां इस इंडस्ट्री का नाम आने पर लोग हैरान होते थे, वहीं अब यह इंडस्ट्री अपनी एक मजबूत पहचान बना चुकी है। भोजपुरी सिनेमा ने न केवल अपनी फिल्मों के माध्यम से बल्कि अपने सदाबहार गानों के जरिए भी संस्कृति और मनोरंजन का एक अनूठा संगम प्रस्तुत किया है।
संगीत में विविधता और विशेषता
भोजपुरी गीतों में एक खास तरह की विविधता देखने को मिलती है जो इसे अन्य भाषाओं के सिनेमा से अलग करती है। कई गाने ऐसे हैं जिनमें डबल मीनिंग के बोल होते हैं और ये गाने अक्सर विवाद का विषय भी बनते हैं। हालांकि इसके बावजूद ये गाने भोजपुरी दर्शकों के बीच खासे प्रिय होते हैं। इसके अलावा कई सारे गाने ऐसे भी हैं जो पारंपरिक और संस्कृतिक छटा बिखेरते हैं।
भोजपुरी गानों का सामाजिक प्रभाव
भोजपुरी गाने कई बार सामाजिक नैतिकता की परीक्षा भी लेते हैं। उनमें से कुछ गाने ऐसे होते हैं जिन्हें कुछ लोग अश्लील मानते हैं जिसके चलते ये गाने कई बार विवादों में भी आ जाते हैं। इस प्रकार के गाने अकेले में ही सुने जाने की सलाह दी जाती है। फिर भी इन गानों की लोकप्रियता में कमी नहीं आती है और यह दिखाता है कि कला और संस्कृति की अभिव्यक्ति के तरीके बदल रहे हैं।
भोजपुरी सिनेमा के सुपरहिट गाने
भोजपुरी सिनेमा में कुछ गाने ऐसे हैं जो अपने बोल और धुन के कारण विशेष रूप से लोकप्रिय हुए हैं। इनमें ‘रात दिया बुताके का-का किया’ और ‘भतार करे मालिश’ जैसे गाने शामिल हैं जिन्होंने यूट्यूब पर करोड़ों व्यूज बटोरे हैं। ये गाने न सिर्फ लोकप्रिय हुए हैं बल्कि उन्होंने भोजपुरी संगीत की पहचान को भी मजबूत किया है।