हरियाणा के इन शहरों में कचरे से बिजली बनाने की है तैयारी, हरियाणा और केंद्र के बीच हुआ MOU साइन

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हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार ने शनिवार को चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। यह MOU NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड और गुरुग्राम, फरीदाबाद नगर निगम के बीच हुआ है। इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा, शहरी विकास एवं आवास मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह मौजूद रहे जिन्होंने इस पहल को नगरीय विकास की नई राह बताया।

वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट की अवधारणा

केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त पहल से गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स स्थापित किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले कचरे को एकत्रित करके उसे ऊर्जा में परिवर्तित किया जाएगा। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा बल्कि शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।

ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया और लाभ

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स में कचरे से ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया में अवशेषों को जलाकर उष्मा उत्पन्न की जाती है, जिससे बिजली उत्पन्न होती है। इस प्रकार के प्लांट न केवल कचरे का प्रबंधन करते हैं बल्कि साथ ही साथ ऊर्जा संसाधनों की डिमांड को भी पूरा करते हैं। यह पहल शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक कदम है।

पर्यावरणीय प्रभाव और समाज पर असर

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स की स्थापना से पर्यावरण पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह कचरे को सफाई से निपटाने के साथ-साथ उससे ऊर्जा उत्पादन करेगा। इससे नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता में भी वृद्धि होगी जिससे सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।

आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स की स्थापना से नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत तकनीकी पर्यावरणीय और प्रबंधनीय क्षेत्रों में नई नौकरियां पैदा होंगी जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

चुनौतियाँ और आगे की प्लानिंग

हालांकि यह पहल कई सकारात्मक पहलुओं को सामने लाती है परंतु इसकी सफलता में कुछ चुनौतियाँ भी हैं जैसे कि तकनीकी दक्षता कचरे के निपटान की विधियों में सुधार और जनता की भागीदारी। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए उपाय करने होंगे।