भारतीय यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (DL) का होना आवश्यक है। यह न केवल वाहन चलाने की आपकी क्षमता की पुष्टि करता है बल्कि यातायात नियमों के प्रति आपकी जागरूकता को भी सुनिश्चित करता है। लेकिन कुछ विशेष कैटेगरी के वाहन हैं जिन्हें चलाने के लिए DL की आवश्यकता नहीं होती। ये वाहन विशेष रूप से निर्धारित मानकों के तहत आते हैं और उन्हें चलाने के लिए सरकार ने कुछ छूट प्रदान की है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की नीतियाँ
भारत सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल वाहनों विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। इसी क्रम में कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए DL की जरूरत नहीं होती है। यह नीति विशेष रूप से उन वाहनों के लिए लागू होती है जिनकी अधिकतम स्पीड लिमिट होती है। इससे न केवल वाहन चालकों को सुविधा होती है बल्कि यह ईंधन के उपयोग और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होता है।
MORTH के नियम और इसके तहत आने वाले वाहन
मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (MORTH) के अनुसार जिन इलेक्ट्रिक वाहनों की टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा होती है उन्हें सड़क पर चलाने के लिए DL और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती। यह नियम विशेषकर उन वाहनों पर लागू होता है जिनका उपयोग मुख्यत: शहरी क्षेत्रों में हल्की सवारी या सामान ढोने के लिए किया जाता है। इससे वाहन मालिकों को बिना किसी लीगल झंझट के अपने व्यवसाय या daili के लिए वाहनों का उपयोग करने की सुविधा मिलती है।
25 किमी/घंटा स्पीड वाले वाहनों की विशेषताएं
इस श्रेणी में आने वाले वाहनों की विशेषता यह है कि ये आसानी से शहरी यातायात में चलाए जा सकते हैं और इनके चलाने के लिए किसी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होती। ये वाहन खासकर छोटे व्यापारियों विद्यार्थियों और बुजुर्गों के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं जिन्हें छोटी दूरियों के लिए एक सुरक्षित और सस्ते विकल्प की आवश्यकता होती है।
किन EV के लिए नहीं चाहिए DL
भारत में विशेष रूप से 50cc से कम इंजन क्षमता वाले और जिनकी टॉप स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा से कम हो ऐसे दोपहिया वाहनों को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। इन वाहनों को खासतौर पर युवाओं और वृद्ध जनों के लिए डिजाइन किया गया है जो बिना किसी जटिलता के अपनी रोजमर्रा की यात्राओं को आसान बनाना चाहते हैं।