जो लोग अपने सपनों का घर बनाने की योजना बना रहे हैं उनके लिए गुरुग्राम नगर नियोजन विभाग ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब चार मंजिला भवनों के निर्माण के लिए पड़ोसी की सहमति लेना जरूरी होगा। इस नई नीति के तहत भवन निर्माण से पहले आस-पास के मकान मालिकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह बदलाव शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी और भूमि उपयोग की चुनौतियों के मद्देनजर किया गया है।
नए मानकों की परिभाषा
हरियाणा सरकार ने 2 जुलाई को स्टिल्ट पार्किंग सहित चार मंजिला इमारतों के निर्माण के लिए नए मानकों को मंजूरी दी थी। ये मानक विशेष रूप से उन कॉलोनियों और सेक्टरों पर लागू होंगे जहाँ कम से कम 10 मीटर चौड़ी सड़कें हैं। इस नवीनीकृत प्रावधान से शहरी विकास में संरचनात्मक अखंडता और सामाजिक संगति सुनिश्चित हो सकेगी।
पड़ोसी की सहमति न मिलने पर क्या उपाय?
यदि कोई निर्माण करने वाला व्यक्ति पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं कर पाता है तो उसे निर्धारित नियमानुसार कम से कम 1.8 मीटर की दूरी पर निर्माण कार्य करना होगा। यह नियम तीनों तरफ के प्लॉट्स के लिए लागू होता है और इससे पड़ोसी के मकान को कोई हानि नहीं पहुंचाई जा सकेगी।
कब्जा प्रमाणपत्र की प्रक्रिया
नए भवनों के लिए कब्जा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। गुरुग्राम नगर नियोजन विभाग ने घोषणा की है कि नई इमारतों के लिए कब्जा प्रमाणपत्र के आवेदन को मंजूरी देने से पहले विस्तृत निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण सुनिश्चित करेगा कि निर्माण कार्य नए मानकों के अनुरूप है और किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं हुआ है।