नोएडा, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर जहां घर खरीदने का सपना देखने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पिछले दशक में यहां की प्रॉपर्टी की कीमतों में रिकोर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 वर्षों में प्रॉपर्टी की दरें चार गुना तक बढ़ चुकी हैं और बाजार की कीमतें इससे भी अधिक बढ़ी हैं। नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में आवासीय प्रॉपर्टीयों की दरों में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है जो कि लगातार दूसरे वर्ष है जब ऐसी बढ़ोतरी की गई है।
सेक्टर के हिसाब से दरों का विश्लेषण
नोएडा में प्रॉपर्टी की दरें सेक्टर के हिसाब से अलग-अलग निर्धारित की जाती हैं। 2008-09 में जहां ए कैटेगरी के सेक्टरों में प्रति वर्ग मीटर की दर 39600 रुपये थी, वहीं 2015-16 में यह बढ़कर 81400 रुपये हो गई। वर्ष 2019-20 में प्राधिकरण ने नई ए प्लस कैटेगरी बनाई जिसमें आवंटन दर 175000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई। इसके अलावा सबसे सस्ते ई कैटेगरी के सेक्टरों की दर भी बढ़कर 48110 रुपये हो गई है।
कीमतों की तेजी के कारण
नोएडा की बढ़ती हुई प्रॉपर्टी की दरें कई कारकों से प्रभावित होती हैं। इसकी प्रमुख वजहें हैं दिल्ली से नजदीकी रोजगार के अवसर और बेहतर ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी। इसके अलावा यहां की बेहतर सड़क बिजली और पानी की सुविधाएँ भी प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने में योगदान देती हैं। नोएडा प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन के महासचिव भूपेंद्र शर्मा के अनुसार “सुविधाओं और दिल्ली से सटे होने की वजह से नोएडा में प्रॉपर्टी की दरें पिछले चार-पांच वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं।”
भविष्य में दरों की संभावना
आने वाले समय में इस तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद कम है क्योंकि नोएडा में खाली प्रॉपर्टी का दायरा सीमित हो गया है। यहां पर अब प्रॉपर्टीयां ऑनलाइन बोली के माध्यम से आवंटित की जाती हैं जिससे दरें और बढ़ सकती हैं। जैसे-जैसे भूखंड कम होते जा रहे हैं आवासीय भूखंडों की नई आवंटन दरों में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।