भारतीय सड़कों पर वाहन चलाना अक्सर एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है जिसमें सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि होती है। इसी कड़ी में ट्रैफिक नियमों का निर्माण और कठोरता से पालन सुनिश्चित करना जरूरी होता है। यहाँ पर हेलमेट पहनने का नियम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुर्घटनाओं के दौरान सिर को गंभीर चोटों से बचाता है। हालांकि देश में एक विशेष वर्ग जिसे हेलमेट पहनने से छूट प्रदान की गई है वह है सिख समुदाय।
सिख समुदाय को छूट का कारण
सिख समुदाय के लोग अपनी धार्मिक प्रथाओं के अनुसार सिर पर पगड़ी बांधते हैं। पगड़ी विभिन्न परतों में बंधी होती है और इसके ऊपर हेलमेट पहनना संभव नहीं होता। यह पगड़ी खुद में कई लेयर्स से मिलकर बनी होती है जो आम हेलमेट की तरह ही सुरक्षा प्रदान करती है। इस तथ्य को मानते हुए सरकार ने सिखों को मोटर वाहन नियमों में विशेष छूट दी है जिससे वे बिना हेलमेट के वाहन चला सकते हैं।
अन्य विशेष छूटें
इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति मेडिकल कारणों से हेलमेट पहनने में असमर्थ है तो उसे भी इस नियम से छूट दी जाती है। इस तरह की छूट प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपनी मेडिकल कंडिशन के प्रमाण पत्र दिखाने पड़ते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि नियम केवल वैलिड और उचित कारणों के लिए ही मान्य किए जाएं।
भारत में हेलमेट के उपयोग को लेकर कठोर नियम और कानून लागू हैं। नए मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार यदि कोई दोपहिया वाहन चालक या सवार हेलमेट पहने बिना पाया जाता है तो उस पर 5,000 रुपए तक का चालान लगाया जा सकता है और ड्राइविंग लाइसेंस तीन साल के लिए स्थगित किया जा सकता है। यह नियम चालक के साथ-साथ पीछे बैठने वाले सवारी के लिए भी लागू होता है जिससे दुर्घटना की स्थिति में सिर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।