भारत में गर्मी ने इस साल अपने सभी पिछले रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है। तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास पहुँच जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इस चिलचिलाती धूप में परंपरागत कूलर और पंखे भी गर्मी से राहत देने में असमर्थ प्रतीत होते हैं। इस कारण लोगों का रुझान तेजी से एयर कंडीशनर (AC) की ओर बढ़ रहा है। विशेषकर जब यात्रा की बात आती है तो कार के AC का उपयोग बढ़ जाता है किन्तु कई लोग इससे उठने वाली दुविधा पर भी विचार करते हैं।
कार के AC और माइलेज का सवाल
कार में AC चलाने की बात को लेकर अक्सर यह चर्चा होती है कि इससे कार का माइलेज प्रभावित होता है। कुछ लोगों का मानना है कि AC का उपयोग करने से माइलेज पर नकारात्मक असर पड़ता है वहीं कुछ इसे मात्र एक भ्रांति मानते हैं। वास्तव में जब आप कार में AC चलाते हैं तो इंजन पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ता है जिससे ईंधन की खपत में मामूली वृद्धि हो सकती है।
खिड़कियाँ खोलने और AC चलाने का प्रभाव
यदि आप माइलेज के चक्कर में AC न चलाकर कार की खिड़कियाँ खोलकर यात्रा करते हैं, तो आपको जानना चाहिए कि खिड़कियाँ खोलने से हवा का प्रवाह वाहन के अंदर तेजी से होता है। इससे हवा का प्रतिरोध बढ़ जाता है जिसके कारण वाहन को अधिक ऊर्जा लगानी पड़ती है और ईंधन की खपत बढ़ सकती है। वास्तव में AC चलाने की तुलना में खिड़कियाँ खोलना अधिक ईंधन खपत कर सकता है।
AC चलाने का सही तरीका
अक्सर लोगों को यह गलतफहमी होती है कि AC की फुल स्पीड पर चलने से फ्यूल की ज्यादा खपत होती है लेकिन यह सच नहीं है। AC की स्पीड बढ़ाने से इसकी मोटर पर असर पड़ता है लेकिन फ्यूल की खपत पर इसका कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि AC विद्युतीय ऊर्जा से चलता है। इसलिए गर्मी के दिनों में अपनी कार में AC का उपयोग करने से न डरें।