स्कूल का समय बच्चों के लिए न केवल शिक्षा का बल्कि विभिन्न जीवन कौशल सीखने का भी महत्वपूर्ण समय होता है। आज के समय में जब प्राकृतिक आपदाएं और अचानक उपजने वाले संकट आम हो गए हैं तब यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि बच्चे स्कूल में ही इनसे निपटने के उपाय सीखें। भूकंप, आग और बिजली के तारों से होने वाले हादसों के लिए तैयारी करना आज के शिक्षा तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। ये सिखावटें बच्चों को न केवल सुरक्षित रखती हैं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती हैं।
जानलेवा स्थितियों में कैसे बचें?
बिजली का झटका एक ऐसा हादसा है जिसे अक्सर हल्के में लिया जाता है लेकिन इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। स्कूलों में बच्चों को सिखाया जाता है कि अगर किसी को करंट लग जाए तो वे किस प्रकार से उस व्यक्ति की मदद कर सकते हैं बिना खुद को खतरे में डाले। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण और मॉकड्रिल्स का आयोजन किया जाता है जहाँ बच्चे वास्तविक स्थितियों का अनुभव करते हैं।
मॉकड्रिल का महत्व
सावधान रहे ,सुरक्षित रहे!!
— Dr Vikas Kumar (@drvikas1111) July 10, 2024
करंट लगने के प्रति जागरूक करने का यह प्रयास अनोखा है l 🙌
वीडियो को ध्यान से देखें कमेंट करके बताएं की सबसे लास्ट वाले बच्चे ने क्या-क्या सावधानियां बरती है l pic.twitter.com/VhtTalhQjw
हाल ही में एक मॉकड्रिल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें बच्चे यह सिख रहे हैं कि अगर किसी को करंट लग जाए तो उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। वीडियो में एक बच्चा गलती से बिजली के तार को छू लेता है और अन्य बच्चे उसे बचाने के लिए आते हैं। इस प्रक्रिया में कई बच्चे भी झटके का शिकार हो जाते हैं। अंत में एक बच्चा चप्पल पहनकर और सूखी लकड़ी के डंडे का उपयोग करके तार को हटाता है जिससे सभी बच्चे सुरक्षित रहते हैं।
शानदार वीडियो की तारीफ
इस वीडियो को देखकर न केवल बच्चे बल्कि बड़े भी यह समझ सकते हैं कि आपात स्थितियों में कैसे संयमित रहकर उचित कदम उठाने चाहिए। यह वीडियो न केवल जानकारी प्रदान करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि आपातकालीन प्रतिक्रिया को किस प्रकार से व्यवहारिक तौर पर अंजाम दिया जा सकता है। इसे देखने के बाद कई लोगों ने इसे सराहा है और इसके महत्व को समझा है।
जन जागरूकता और उसकी आवश्यकता
आज के डिजिटल युग में जानकारी का प्रसार बहुत ही आसान हो गया है। इस तरह के वीडियो और ट्रेनिंग न केवल बच्चों को बल्कि हर उम्र के लोगों को सचेत और तैयार रहने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि स्कूल और समाज इस तरह की जानकारी को व्यापक रूप से फैलाएं और सभी को इसके महत्व के बारे में जागरूक करें।