मानसून की आगमन के साथ ही भारत के विभिन्न भागों में मौसम ने अपना रुख बदल लिया है। विशेष रूप से, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, और गोवा जैसे पश्चिमी राज्यों में मानसून सबसे ज्यादा सक्रिय हुआ है। मौसम विभाग ने रविवार को इन राज्यों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि आगामी दिनों में इन इलाकों में भारी बारिश हो सकती है जिससे बाढ़ आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
उत्तर और मध्य भारत में भी मानसून की मार
मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यहाँ भी भारी बारिश का अलर्ट है जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। खेती के लिहाज से यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि मानसूनी बारिश खरीफ फसलों के लिए लाभकारी सिद्ध होती है।
बाढ़ का खतरा और प्रशासनिक सतर्कता
उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश की घाघरा, गंडक, बागमती, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी उफनाई हुई हैं। इन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के कारण क्षेत्रीय प्रशासन ने निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।
तैयारी और बचाव के उपाय
इस प्रकार की मौसमी स्थिति में यह जरूरी है कि नागरिक और सरकारी एजेंसियां तैयार रहें। बारिश के पानी का निकासी बाढ़ से बचाव के उपाय और आपातकालीन सहायता किट्स की उपलब्धता इसमें शामिल हैं। साथ ही संचार लाइनों को बहाल रखने और चेतावनी प्रणालियों को सक्रिय रखने की भी आवश्यकता है ताकि जान-माल की हानि को कम से कम किया जा सके।