इस राज्य में ड्रैगन फ्रुट की खेती पर सरकार दे रही है बंपर सब्सिडी, पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर मिलेगी सब्सिडी

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बिहार सरकार ने राज्य में बागवानी को नया आयाम देते हुए ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत इस फल की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने 40 प्रतिशत की सब्सिडी की घोषणा की है। इस योजना के तहत 3 करोड़ रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की गई है जिससे बिहार के किसानों को नए आर्थिक अवसरों का लाभ मिल सकेगा।

ड्रैगन फ्रूट एक फायदेमंद बिजनेस

ड्रैगन फ्रूट जिसे पिताया भी कहा जाता है, न केवल एक स्वादिष्ट फल है बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में भी किया जाता है। बाजार में इसकी बढ़ती डिमांड और हाई रेट के कारण इसकी खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद सिद्ध हो रही है। इसी कारण बिहार सहित अन्य राज्यों में भी इसकी खेती को खासा बढ़ावा दिया जा रहा है।

सब्सिडी की रूपरेखा

बिहार सरकार की इस योजना के अंतर्गत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती पर कुल लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। खेती की कुल लागत 7 लाख 50 हजार रुपए होने पर किसानों को 3 लाख रुपए तक की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जा रही है जो कि तीन किस्तों में वितरित की जाएगी।

योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को बिहार सरकार के हॉर्टिकल्चर विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से किसान न केवल सरकारी सहायता प्राप्त कर सकेंगे बल्कि खेती की आधुनिक तकनीकों और तरीकों को भी सीख सकेंगे।

किसानों के लिए विशेष प्रावधान

इस योजना में विशेष रूप से सामान्य वर्ग के लोगों को 78.56 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोगों को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लोगों को 1.44 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है जिससे यह योजना समाज के हर वर्ग को समान रूप से लाभ पहुंचा सके।

जिलावार खेती की योजना

ड्रैगन फ्रूट की खेती बिहार के 21 जिलों में की जाएगी जिसमें भोजपुर, गोपालगंज, जहानाबाद, सारण, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, गया कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, समस्तीपुर और वैशाली शामिल हैं। ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर किसान इस सब्सिडी का लाभ उठा सकेंगे।