दिल्ली-NCR इलाक़े में घर खरीदने वालों के लिए आई गुड न्यूज, EMI और चेक बाउंस पर बैंक नही करेंगे कार्रवाई

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में फ्लैट की डिलीवरी में देरी से जूझ रहे घर खरीदारों के लिए हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत की घोषणा की है। अदालत ने निर्णय दिया कि जिन खरीदारों को अभी तक उनके फ्लैट्स का कब्जा नहीं मिला है उनके खिलाफ बैंक और वित्तीय संस्थानों द्वारा ईएमआई भुगतान को लेकर कोई जबरिया कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह निर्णय उन सभी खरीदारों के लिए एक बड़ी सुविधा और संजीवनी की तरह है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई इन घरों में निवेश की है।

उच्च न्यायालय के फैसले का अवलोकन

शीर्ष अदालत का यह निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ आया जिसमें कई घर खरीदारों की याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। याचिकाओं में मांग की गई थी कि जब तक खरीदारों को उनके फ्लैट्स का कब्जा नहीं मिल जाता तब तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ईएमआई की मांग नहीं करनी चाहिए। इस निर्णय ने खरीदारों की आर्थिक और मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया और उनके हितों की रक्षा की।

न्यायिक प्रक्रिया और निर्देश

उच्च न्यायालय की याचिकाएं खारिज होने के बाद मकान खरीदारों ने शीर्ष न्यायालय का रुख किया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने मामले की जांच करने पर सहमति व्यक्त की और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा। अदालत ने आगे कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा मकान खरीदारों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी जिसमें चेक बाउंस के मामले भी शामिल हैं। इससे खरीदारों को अपनी वित्तीय स्थिति संभालने का मौका मिलेगा।

अगली सुनवाई से उम्मीदें

उच्चतम न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। अदालत ने उन सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जो अभी तक अपने जवाबी हलफनामे दाखिल नहीं कर पाए हैं उन्हें दो सप्ताह के भीतर ऐसा करने का आदेश दिया है। इस सुनवाई से घर खरीदारों को आशा है कि उनके मुद्दे का स्थायी समाधान निकलेगा और उन्हें उनके निवेशित धन की उचित वापसी मिलेगी।