बस्तर के छिंदगढ़ क्षेत्र में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां के सरपंच कवासी हिड़मा के जीवन में जहां पहले बच्चे की कमी थी वहीं अब उनके घर में चार नन्हें मुस्कान ने दस्तक दी है। जिन्होंने तीन शादियां की वे आखिरकार चार बच्चों के पिता बन ही गए हैं।
जन्म से पहले की तैयारी
प्रसव का समय जब निकट आया तो हिड़मा ने अपनी पत्नी दशमी कवासी को जगदलपुर के निजी बंसल नर्सिंग होम में भर्ती कराया। डॉक्टरों की निगरानी में दशमी ने चार स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया जिसमें दो लड़के और दो लड़कियां शामिल हैं। चारों बच्चे अच्छी स्थिति में हैं और उन्हें सही देखभाल के लिए जिला चिकित्सालय महारानी अस्पताल में रखा गया है।
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया
यह घटना डॉक्टरों के लिए भी चौंकाने वाली थी। सोनोग्राफी में सिर्फ तीन बच्चों की जानकारी मिली थी लेकिन जब आपरेशन से चार बच्चों का जन्म हुआ तो सभी हैरान रह गए। इस खुशी के मौके पर कवासी हिड़मा ने अपने खुशी के चार गुना बढ़ने की बात कही।
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं
कवासी हिड़मा ने अपने जीवन की कठिनाइयों को साझा करते हुए बताया कि उनकी पहली पत्नी से एक बेटी थी जिसका निधन बीमारी से हो गया। दूसरी शादी से कोई औलाद नहीं होने पर उन्होंने तीसरी शादी की। तीसरी पत्नी दशमी से उन्हें चार बच्चे प्राप्त हुए। उनका कहना है कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। हिड़मा ने चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया जिनकी देखरेख में यह सब संभव हो पाया।
चार बच्चों का जन्म एक रेयर केस
इस घटना की विशेषता यह है कि बस्तर में पहली बार एक साथ चार बच्चों का जन्म हुआ है। मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी बस्तर डा. आरके चतुर्वेदी ने इसे रेयर केस के रूप में बताया है। उनके अनुसार आमतौर पर जुड़वां बच्चों का जन्म होता है लेकिन चार बच्चों का एक साथ जन्म लाखों में एक होता है।