7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सुबह सवेरे आई बड़ी खुशखबरी, OPS जल्द हो सकती है लागू?

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7th Pay Commission: महीनों की चुप्पी के बाद मोदी सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग पर बात की है जो वर्तमान में सशस्त्र बलों और कुछ अन्य को छोड़कर अधिकांश केंद्रीय सेवाओं को कवर करती है।”

एनपीएस और ओपीएस का उदय

भारत सरकार ने वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की जगह नई पेंशन योजना (एनपीएस) को पेश किया था। यह परिवर्तन वित्तीय सुदृढ़ता और सेवानिवृत्ति लाभों को अधिक टिकाऊ बनाने की दिशा में उठाया गया कदम था। एनपीएस में कर्मचारियों को अपने वेतन का एक हिस्सा पेंशन फंड में योगदान करना पड़ता है जो सेवानिवृत्ति के समय उन्हें अंशदान के रूप में वापस मिलता है।

कर्मचारियों की मांग और सरकार का रुख

कई कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस के स्थान पर ओपीएस को पुनः स्थापित करने की मांग की है क्योंकि ओपीएस के तहत उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद अधिक सुरक्षित और निश्चित पेंशन प्राप्त होती है। हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ओपीएस की बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार सरकार की प्राथमिकता एनपीएस की समीक्षा करना और इसे और अधिक कारगर बनाना है।

समीक्षा समिति और उसके द्वारा की गई प्रगति

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा कर रही समिति ने अपने काम में काफी प्रगति की है। इस समिति का नेतृत्व वित्त सचिव टी वी सोमनाथन कर रहे हैं और इसका उद्देश्य एनपीएस के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना और सरकार को सुझाव देना है।

कर्मचारी पक्ष की भूमिका और उनकी मांगें

संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र (जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया है और ओपीएस की बहाली सहित कई मांगें की हैं। इन मांगों में यह भी शामिल है कि पेंशन के कम्यूटेड हिस्से की बहाली की अवधि को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल कर दिया जाए।

एनपीएस और ओपीएस के बीच मुख्य अंतर

ओपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है जबकि एनपीएस में पेंशन की राशि कर्मचारी द्वारा जमा किए गए योगदान और बाजार में उसके प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यह मुख्य अंतर उन कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय है जो अधिक सुरक्षित और निश्चित पेंशन चाहते हैं।