Wheat Price: हाल ही में सरकार ने गेहूं की खरीद 20 दिन पहले बंद कर दी जिसके चलते बाजार में गेहूं के दामों में तेजी देखने को मिली है। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की एक मंडी में तो गेहूं के दाम 3,031 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में दाम और भी बढ़ सकते हैं।
ई-नाम और मंडी की स्थिति
केंद्र सरकार के ऑनलाइन मंडी प्लेटफार्म ई-नाम के अनुसार राज्य की अधिकांश मंडियों में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी अधिक हैं। यह स्थिति किसानों के लिए फायदेमंद तो है लेकिन सरकार के ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMMS) का किसान संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है क्योंकि इससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
सरकारी पहल से दाम नियंत्रण में प्रयास
केंद्र सरकार ने गेहूं के दामों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और 1 अगस्त से रोलर फ्लोर मिलर्स को 2325 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर अपने स्टॉक से गेहूं बेचने की योजना है। इस पहल का उद्देश्य बाजार में दामों को स्थिर रखना है।
कम सरकारी खरीद के परिणाम
इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद की थी, लेकिन सरकारी खरीद के लक्ष्य को पूरा करने में असफल रही। जिसके कारण बाजार में गेहूं की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है और दाम बढ़ रहे हैं।
राजस्थान की मुख्य मंडियों में गेहूं के दाम
राजस्थान के प्रमुख मंडियों में गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव की जानकारी देते हुए पाली जिले की सुमेरपुर मंडी में न्यूनतम दाम 2,430 रुपये से लेकर अधिकतम 2,689 रुपये तक रहा। वहीं प्रतापगढ़ जिले की मंडी में न्यूनतम दाम 2,445 रुपये और अधिकतम दाम 2,851 रुपये तक पहुँच गया।