केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने अपने आधुनिक विचारों और कार्यशील नीतियों के साथ भारत में ऊर्जा क्षेत्र को नया रूप देने का उत्तरदायित्व संभाल लिया है। हरियाणा में अपने कार्यकाल के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में किए गए सुधारों को अब वे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के प्रयास में जुटे हैं। इस दिशा में उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण पहल है हाइड्रो-इलेक्ट्रिक और सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना।
उत्तराखंड और हिमाचल में बिजली परियोजनाओं की गति
हाल ही में मनोहर लाल ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजनाओं की गति तेज की है। उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल डैम पर 1000 मेगावाट की टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट और 2400 मेगावाट की टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स पर चल रहे कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी कई नई परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनसे न केवल ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी होगी बल्कि ये परियोजनाएं पर्यावरण के अनुकूल भी होंगी।
राज्य मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा
मनोहर लाल ने न केवल परियोजनाओं की गति बढ़ाई है बल्कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर इन परियोजनाओं की समीक्षा भी की है। इस समीक्षा में जलविद्युत परियोजनाओं की प्रगति इनके विकास की दिशा और आने वाले समय में इनकी योजनाओं पर विशेष चर्चा हुई। इन बैठकों में बिजली परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की रणनीतियां तैयार की गईं जिससे न सिर्फ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि स्थानीय विकास में भी सहायता मिलेगी।
कोलकाता के दामोदर घाटी निगम का उन्नयन
कोलकाता में दामोदर घाटी निगम की समीक्षा करते हुए मनोहर लाल ने यहाँ की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए नए उपायों का सुझाव दिया है। दामोदर घाटी निगम जो कि एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक संस्थान है अब नई तकनीकी और इनोवेशन के साथ अपनी क्षमता और दक्षता में बढ़ोतरी करेगा।