हाल ही में भारत सरकार ने टेलिकॉम्यूनिकेशन एक्ट 2023 को लागू किया है जिसके अनुसार एक व्यक्ति द्वारा रखे जाने वाले सिम कार्डों की संख्या पर एक लिमिट निर्धारित की गई है। यह कदम टेलीकॉम धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है। एक व्यक्ति अपने आधार कार्ड पर अधिकतम नौ सिम कार्ड ही रख सकता है। इससे अधिक सिम रखने पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
नियम तोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो पहली बार में 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। यदि यह उल्लंघन बार-बार किया जाता है तो जुर्माना दो लाख रुपये तक बढ़ सकता है। वित्तीय या आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड के कारण तीन साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।
सिम कार्ड ट्रैकिंग
आपके आधार कार्ड पर जारी सभी सिम कार्डों की जानकारी आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन ने एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया है जहां आप अपने आधार से लिंक सभी सिम कार्डों की सूची देख सकते हैं और उन्हें मैनेज कर सकते हैं।
फर्जी सिम का पता लगाने की प्रक्रिया
फर्जी सिम कार्डों का पता लगाने के लिए सबसे पहले आपको ‘संचार साथी’ पोर्टल पर जाना होगा। इस पोर्टल पर आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा जिसके बाद ओटीपी के माध्यम से पहचान सत्यापित की जाएगी। इस प्रक्रिया के बाद आपके नाम पर जारी सभी सिम कार्ड की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी और आप उन्हें यदि चाहें तो ब्लॉक भी कर सकते हैं।
सावधानी ही सुरक्षा
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम धोखाधड़ी को रोकना है। इसलिए अपने सिम कार्डों की संख्या का ध्यान रखें और केवल आवश्यकता अनुसार ही सिम कार्ड रखें। अगर आपके नाम पर कोई अनधिकृत सिम कार्ड जारी किया गया है, तो तुरंत उसे बंद कराएं और आवश्यक कार्रवाई करें। यह न सिर्फ आपको कानूनी परेशानियों से बचाएगा बल्कि आपकी वित्तीय और व्यक्तिगत सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।