पंजाब के फाजिल्का जिले में शिक्षा की दिशा में एक नया कदम बढ़ाया गया है। जिला प्रशासन ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों में ‘बैग-फ्री डे’ की शुरुआत की है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की क्रीएटिविटी को बढ़ाना और उन्हें एक तनाव मुक्त शिक्षण अनुभव प्रदान करना है। इस पहल के अंतर्गत हर महीने के आखिरी शनिवार को विद्यार्थियों को स्कूल बैग लाने की जरूरत नहीं होती।
‘बैग-फ्री डे’ का आयोजन और गतिविधियाँ
फाजिल्का के जिला शिक्षा अधिकारी शिव पाल के अनुसार ‘बैग-फ्री’ दिवस पर कोई नियमित कक्षाएँ नहीं होंगी। इस दिन पारंपरिक शिक्षण के बजाय विविध प्रकार की गतिविधियाँ जैसे कि राफ्टिंग, कहानी सुनाना, कक्षा चर्चा और योग आयोजित की जाती हैं। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास को बल देना है।
तनाव मुक्त और क्रीएटिव शिक्षण
इस पहल का मूल उद्देश्य शिक्षण प्रक्रिया में तनाव को कम करना और विद्यार्थियों की क्रीएटिव क्षमताओं को बढ़ाना है। फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर सेनु दुग्गल के अनुसार इस दिन छात्र स्कूल में बैग नहीं लाते हैं और विभिन्न प्रकार की मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेते हैं जो उन्हें नई चीजें सीखने का अवसर देती हैं।
सामाजिक कौशल और व्यवहारिक ज्ञान
‘बैग-फ्री डे’ पर आयोजित गतिविधियों के दौरान छात्र शिष्टाचार, टीम वर्क, संचार कौशल के साथ-साथ अच्छे और बुरे व्यवहार के बीच का अंतर समझने का प्रयास करते हैं। यह उन्हें न केवल अकादमिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी समृद्ध बनाने में मदद करता है।
इस पहल को सरकारी प्राइमरी स्कूल एकता कॉलोनी अबोहर में कुछ दिन पहले शुरू किया गया था और इसके सकारात्मक प्रभाव पहले ही दिखने लगे हैं। जिले में कुल 468 प्राइमरी स्कूल हैं जहां लगभग 72 हजार विद्यार्थी इसका लाभ उठा रहे हैं। इस पहल की सफलता के मद्देनजर इसे अन्य स्कूलों में भी लागू करने की योजना है।