Haryana Me Barish: हरियाणा में मानसून की सुस्ती ने प्रदेशवासियों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों से यहाँ के अनेक जिलों में वर्षा का आभाव रहा है। आमतौर पर जुलाई के मध्य तक हरियाणा में अच्छी खासी बारिश हो जानी चाहिए थी लेकिन इस बार मात्र 78.9 एमएम बारिश दर्ज की गई है जबकि सामान्य स्थिति में यह 112 प्रतिशत होनी चाहिए थी। इसका सीधा असर राज्य के कृषि क्षेत्र पर पड़ रहा है।
किसानों की बढ़ती चिंताएं
राज्य के किसानों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। खासकर धान की फसल के लिए जिसकी खेती के लिए उचित मात्रा में वर्षा आवश्यक होती है। करनाल, यमुनानगर और अंबाला जैसे जिलों में बारिश में 70 से 84 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसके विपरीत राज्य के दक्षिणी जिलों में बारिश की स्थिति बेहतर रही है लेकिन कुल मिलाकर बारिश का यह पैटर्न किसानों के लिए खेती की योजना बनाने में कठिनाई उत्पन्न कर रहा है।
अस्थायी मौसमी राहत
भले ही बीते दो दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं और हल्की हवाएं चल रही हैं जिससे गर्मी और उमस से कुछ राहत मिली है लेकिन यह राहत क्षणिक ही साबित हो रही है। शनिवार को तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम और 27 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम पर दर्ज किया गया था। यह स्थिति उमस और गर्मी के यथास्थिति बने रहने की संभावना को दर्शाती है जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है।
आगे का मौसमी पूर्वानुमान
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में मौसम में कुछ खास बदलाव की उम्मीद कम है। 12 और 13 जुलाई को बारिश होने की संभावना थी लेकिन यह बारिश मुख्यतः टोहाना और जाखल खंड में ही देखने को मिली। अधिकतर क्षेत्रों में मौसम साफ रहा और दिन के अंत में तेज धूप निकल आई। आने वाले दिनों में भी मुख्य रूप से साफ मौसम की ही संभावना है जिसमें कभी-कभार बूंदाबांदी हो सकती है लेकिन कोई भी तेज वर्षा की उम्मीद नहीं है।