भारत में सोने की खरीदारी का चलन बहुत पुराना है. विवाह, त्यौहार, जन्मदिन जैसे अवसरों पर सोना खरीदना एक रिवाज की तरह है. ऐसे में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है लेकिन समय के साथ सोने की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है.
सोने की कीमतें
सोने की कीमतों में वृद्धि के बावजूद लोगों का सोने के प्रति आकर्षण कम नहीं हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पुराने बिल के अनुसार 1959 में 11.66 ग्राम सोना महज 113 रुपये में मिलता था जो आज के समय में करीब 70 से 75 हजार रुपये में मिलता है. इस तरह की जानकारी जानने के बाद बहुत से लोग हैरान हैं और वे शायद पुराने दौर में वापस जाना चाहेंगे.
सोने की खरीदारी का सामाजिक पहलू
सोने की खरीदारी सिर्फ एक आर्थिक गतिविधि नहीं है बल्कि यह हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का भी हिस्सा है. लोग इसे शुभ मानते हैं और विशेष अवसरों पर सोने की खरीदारी करते हैं. इससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी जुड़ी होती है.
वायरल हो रहे सोने के पुराने बिल का अर्थ
सोने के पुराने बिल के वायरल होने का मतलब यह है कि लोग अब भी पुराने समय में सोने की कम कीमतों को याद कर आश्चर्यचकित होते हैं. हालांकि उस समय की तुलना में आज की आय और खरीदने की क्षमता में काफी अंतर है. यह दिखाता है कि मुद्रास्फीति कैसे समय के साथ बढ़ी है और कैसे सोने की कीमतों ने आर्थिक विकास की कहानी को प्रभावित किया है.
आज के दौर में सोने की खरीदारी
आज के समय में सोने की खरीदारी अभी भी एक महत्वपूर्ण निवेश मानी जाती है. बढ़ती हुई कीमतों के बावजूद लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और महंगाई के दौर में भी इसकी कीमत में इजाफा होता रहता है.