भारत सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए लिए जाने वाले कृषि ऋणों पर ब्याज सहायता योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज पर 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर लोन मिलेगा. यदि कर्ज समय पर चुकाया जाता है तो किसानों को अतिरिक्त तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहायता भी प्रदान की जाएगी जिससे वास्तविक ब्याज दर चार प्रतिशत सालाना हो जाएगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस योजना के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. RBI के अनुसार इस योजना का लक्ष्य किसानों को उनकी फसलों की बेहतर कीमत प्राप्त करने का समय देना है जिससे वे घबराहटपूर्ण बिक्री से बच सकें और उन्हें अपने उत्पादों को गोदामों में संग्रहीत करने का मौका मिल सके. इसके लिए केसीसी के तहत ब्याज छूट का लाभ फसल की कटाई के बाद छह महीने तक की अवधि के लिए छोटे और सीमांत किसानों को उपलब्ध होगा.
आपदा प्रभावित किसानों के लिए विशेष प्रावधान
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को विशेष राहत प्रदान की जाएगी. इन किसानों के लिए पुनर्गठित ऋण पर पहले वर्ष के लिए लागू ब्याज छूट दर बैंकों को उपलब्ध कराई जाएगी. यदि ऋण पुनर्गठित किया जाता है तो दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होगी. यह प्रावधान किसानों को आपदा की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करेगा और उनकी आय स्थिरता में मदद करेगा.
कृषि ऋण योजना का महत्व
इस तरह की योजनाएं किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए प्रदान किए जाने वाले ऋण से किसानों को अपनी कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए आवश्यक पूंजी मिल जाती है. इससे वे न केवल अपने खेती के कार्यों को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं बल्कि ज्यादा से ज्यादा मूल्य प्राप्ति के लिए उचित समय पर अपनी उपज को बाजार में बेचने का निर्णय भी ले सकते हैं.