Barish ka Mausam: इस मौसमी अपडेट में दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश की खबर है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 13 अगस्त तक बारिश की उम्मीद जताई है. इससे शहर में न सिर्फ तापमान में कमी आई है बल्कि यह वर्षा शहर के प्रदूषण में भी कमी लाने में सहायक हो सकती है.
हिमाचल और उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की घटनाएं
तेज बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की कई घटनाएं हुई हैं जिससे जनजीवन में काफी अस्त-व्यस्तता उत्पन्न हुई है. हिमाचल में 100 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बाधित हुई हैं. इसके अलावा कई स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को भी इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
यूपी और बिहार में भी भारी बारिश की संभावना
आईएमडी के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना है. यह बारिश कृषि के लिए तो लाभकारी है लेकिन साथ ही साथ इससे बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाता है जिसके लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को पूर्व तैयारियां करनी पड़ेंगी.
देश के विभिन्न भागों में बारिश की स्थिति
झारखंड के पांच जिलों में आज बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जमशेदपुर, देवघर, रांची, हजारीबाग, पलामू जिलों में भारी बारिश की संभावना है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में भी अगले कुछ दिनों में झमाझम बारिश की उम्मीद है.
पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर भारत में बारिश
पहाड़ी राज्यों में भी मौसमी हलचल तेज है. जम्मू और कश्मीर में 10 और 11 अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है. उत्तराखंड और राजस्थान में 14 अगस्त तक भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत में असम और मेघालय के कई जिलों में आज तेज बारिश होने की आशंका है और अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 14 अगस्त तक भारी वर्षा की उम्मीद है.
दक्षिण भारत की मौसम स्थिति
दक्षिण भारत में भी मौसम में बदलाव के संकेत हैं. केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक में अगले पांच दिनों तक हल्की बारिश की संभावना है जो कि कृषि क्षेत्र के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है. इस बारिश से जहां एक ओर कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है वहीं यह भूमि की नमी को भी बनाए रखने में मदद करेगी.