प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जो गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन है वर्तमान में अपने सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। खबर है कि विभिन्न राज्यों से फर्जी लाभार्थियों की शिकायतें आ रही हैं जिन्होंने इस योजना का दुरुपयोग किया है। इसके मद्देनजर पूर्ति विभाग ने एक विस्तृत जांच प्रक्रिया शुरू की है जिसमें लाभार्थियों की पात्रता की पुन: समीक्षा की जा रही है। जिन लाभार्थियों के राशन कार्ड फर्जी पाए गए उनके कार्ड रद्द किए जा रहे हैं। यह कदम उन वास्तविक जरूरतमंदों के हित में उठाया गया है जिन्हें अपात्र व्यक्तियों की वजह से लाभ नहीं मिल पा रहा था।
जिला स्तर पर सख्ती
जिला मुख्यालयों में बैठे अधिकारी अब गांव-देहात के दुकानदारों और उपभोक्ताओं पर सीधे नजर रखने जा रहे हैं। इसके अलावा वे नियमित रूप से इन क्षेत्रों की समीक्षा भी करेंगे। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि सभी लाभार्थी वास्तव में पात्र हों और योजना का कोई भी दुरुपयोग न हो। फर्जीवाड़े की शिकायतें जो कि राज्य के आलाधिकारियों को पहुँचाई जाएँगी वे इस योजना के संचालन को और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने में मदद करेंगी।
चुनौतियाँ और अगले कदम
विभाग के सामने चुनौतियाँ अभी भी कई हैं। देशभर में फर्जीवाड़ा की शिकायतें बढ़ रही हैं और इसके चलते विभाग को अपनी निगरानी और जाँच प्रक्रियाओं को और भी मजबूत करना होगा। इसके लिए विभाग ने एक विस्तृत योजना बनाई है जिसमें राशन वितरण के दौरान अनियमितताओं के लिए विशेष ध्यान देने की बात कही गई है। इसके अलावा दुकानदारों और उपभोक्ताओं के बीच के संवाद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि योजना के तहत किसी भी तरह की गड़बड़ी को तुरंत पकड़ा जा सके।