MNREGA: मनरेगा योजना जो देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना है अब ग्रामीण और शहरी जरूरतमंद मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार प्रदान करते हुए एक नई दिशा में अग्रसर हो रही है। इस योजना के तहत अब प्रदेश में पौधारोपण के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें पौधों की देखभाल के लिए ग्रामीणों को ‘वाच एंड गार्ड’ के रूप में काम पर रखा जा रहा है। इस प्रक्रिया से न केवल रोजगार की समस्या का समाधान हो रहा है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं।
वृक्षारोपण और उसके लाभ
वर्तमान समय में जब ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में बढ़ोतरी हो रही है पेड़ लगाने की महत्ता और भी बढ़ गई है। पौधे जो बाद में वृक्ष बनते हैं, न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं बल्कि भूमि का कटाव भी रोकते हैं और जलवायु को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान इसी उद्देश्य को लेकर चलाया गया है जिससे अधिकतम लोग वृक्षारोपण से जुड़ सकें और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे सकें।
राज्य सरकार की योजना और कार्यान्वयन
राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पौधारोपण की दिशा में एक मजबूत योजना बनाई है। इस योजना के तहत पौधे तो लगाए जा रहे हैं लेकिन उनकी उचित देखभाल के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पौधों की देखभाल के लिए ‘वाच एंड गार्ड’ की नियुक्ति की जा रही है जो कि मनरेगा के तहत कच्ची नौकरी पर आधारित होगी। इससे जहां एक ओर पौधों को पेड़ बनने तक सुरक्षित रखा जा सकेगा वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को स्थायी रोजगार भी प्रदान किया जा सकेगा।
प्रत्येक 200 पौधों पर एक वाच एंड गार्ड
इस योजना के अनुसार प्रत्येक 200 पौधों पर एक वाच एंड गार्ड की तैनाती की जाएगी। इससे पौधों की सही से देखभाल सुनिश्चित की जा सकेगी। यह श्रमिक पौधों को समय पर पानी और खाद देने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी करेगा। यदि कोई पौधा मर जाता है या उसकी देखभाल में कोई कमी आती है तो वाच एंड गार्ड की मानदेय में कटौती की जा सकती है।
राज्यव्यापी पौधरोपण स्थलों का चयन
सरकारी योजना के तहत वृक्षारोपण मुख्य रूप से सरकारी स्थानों ग्राम पंचायतों, मुक्तिधामों, जोहड़ों, गोशालाओं और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर किया जाएगा। इससे सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
वाच एंड गार्ड को मिलने वाला मानदेय
पौधों की देखभाल करने वाले वाच एंड गार्ड को मनरेगा के तहत नियमित रूप से मानदेय प्रदान किया जाएगा जो कि महीने के हिसाब से 5 से 6 हजार रुपए के बीच हो सकता है। यह भुगतान उनके काम की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
मनरेगा के तहत मजदूरी की स्थिति
राजस्थान में मनरेगा के तहत काम करने वाले अकुशल श्रमिकों को प्रतिदिन 266 रुपए की दर से मजदूरी दी जाती है। इस योजना के तहत 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया गया है और कुशलतापूर्वक कार्य करने पर अतिरिक्त 25 दिनों का रोजगार भी दिया जा सकता है।