बीते 23 जुलाई को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने संसद में अपना बजट प्रस्तुत किया तो ऑटो सेक्टर की नजरें बड़ी उम्मीदों से इस पर टिकी थीं। विशेष रूप से इस बार इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) उद्योग की कई अपेक्षाएं थीं। हालांकि वित्त मंत्री ने ऑटो सेक्टर के लिए सीधे कोई बड़े लाभ की घोषणा नहीं की परंतु लिथियम जैसे खनिजों पर कस्टम ड्यूटी में कटौती करके EV निर्माण को थोड़ी बहुत राहत प्रदान की गई।
EMPS स्कीम का विस्तार
केंद्र सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 की समयसीमा दो महीने बढ़ाने की घोषणा की है। इसके तहत देश भर में ग्रीन मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम अब 30 सितंबर 2024 तक वैध रहेगी। इसका मतलब है कि वाहन निर्माता और ग्राहक दोनों ही इसका लाभ उठा सकेंगे।
EMPS की विशेषताएं और लाभ
EMPS स्कीम जिसे शुरू में FAME-2 के समाप्त होने के बाद 1 अप्रैल से लागू किया गया था को अब 500 करोड़ रुपये के प्रारंभिक बजट से बढ़ाकर 769.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत 5,60,789 इलेक्ट्रिक वाहनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा जैसे इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन शामिल हैं।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर मिलने वाली सब्सिडी
सरकार ने EMPS 2024 के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रत्येक किलोवाट आवर (kWh) की बैटरी क्षमता पर 5,000 रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। इस प्रकार ज्यादातर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स जिनमें 2 kWh तक की बैटरी होती है उन पर ग्राहक 10,000 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। यह स्कीम उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित करने में मदद करेगी।
FAME III की संभावनाएं और आगे की दिशा
जबकि EMPS की समयसीमा बढ़ाई गई है FAME के तीसरे चरण की संभावनाओं पर अभी तक कोई ठोस चर्चा नहीं हुई है। FAME Scheme का पहला चरण अप्रैल 2015 में शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य था इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाना। इसके दूसरे चरण में 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था जिसे 31 मार्च 2024 तक विस्तारित किया गया। आगे चलकर यह देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या नई पहल करती है।