राजस्थान सरकार ने नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा की अगुवाई में जमीन के पट्टे की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। अब राज्य के निवासियों को पट्टा प्राप्त करने के लिए महीनों या वर्षों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नई व्यवस्था के अनुसार पट्टा आवेदन के 30 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा जिससे प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
प्रक्रियागत दक्षता में बढ़ोतरी
मंत्री खर्रा ने बताया कि अगर आवेदन में कोई खामी पाई जाती है, तो संबंधित निकाय को उसे सात दिनों के भीतर सुधारने का निर्देश दिया जाएगा। इससे आवेदकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से राहत मिलेगी। यदि किसी कारणवश पट्टा निरस्त किया जाता है तो भी आवेदक को कारण सहित लिखित में जानकारी दी जाएगी।
अपील प्रक्रिया और जवाबदेही
नगरीय विकास विभाग एक कमेटी का गठन करेगा जहां आवेदक यदि संतुष्ट न हों तो अपील कर सकेंगे। यह कमेटी सभी मामलों की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इससे विभाग में अधिक जवाबदेही स्थापित होगी और आवेदकों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ेगी।
संविधान और विधायकों की भूमिका
मंत्री खर्रा ने विभागीय नीतियों में सुधार लाने के लिए सभी विधायकों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा कि इससे नियमों और कायदों को और अधिक पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सकेगा। यह प्रक्रिया सुगमता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने का एक मार्ग है।
प्रतिनियुक्ति पर नई पाबंदियां
विभागों में प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। अब कोई भी कर्मचारी पांच वर्ष से अधिक समय तक प्रतिनियुक्ति पर नहीं रह सकेगा। यह नियम विभागीय कार्यक्षमता बढ़ाने और कर्मचारियों की उचित बांटवार के लिए लागू किया गया है।
भूमि मुआवजे की नई नीति
पिछली सरकार द्वारा छोड़े गए सूराखों को बंद करते हुए मौजूदा सरकार ने भूमि के बदले भूमि के मामले में नई नीति अपनाई है। इसमें डीएलसी दर का प्रावधान रखा गया है जिससे अब कोई भी व्यक्ति नाजायज फायदा नहीं उठा पाएगा। यह नीति भूमि मुआवजे की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने का प्रयास है।