राजस्थान में पशुपालकों के लिए सरकार ने खोले सरकारी खजाने, इन पशु पाकों को सरकार देगी 20 हजार रूपए

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now
Telegram Channel ज्वाइन करे Join Now

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत के अनुसार राजस्थान सरकार प्रदेश के पशु संसाधनों के विकास के लिए गंभीर है। उन्होंने बताया कि राज्य में पशुपालन को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए नए उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन, सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना में अनुदान बढ़ाने और चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार इसी दिशा में कुछ प्रमुख कदम हैं। इसके अलावा 500 नए पशु चिकित्सा उप केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केंद्रों को उन्नत बनाने की योजना भी शामिल है।

पशुपालकों के लिए नए अवसर

जोराराम कुमावत ने आगे बताया कि पशुपालकों को अधिक सुविधाएँ और सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएँ लागू की जा रही हैं। आवारा गौवंश के लिए ‘निराश्रित’ शब्द का प्रयोग मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत और पशु मेलों का आयोजन इनमें से कुछ हैं। इसके जरिए राज्य सरकार पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।

भर्तियों और अपग्रेड की ओर एक कदम

मंत्री ने विधानसभा में यह भी उल्लेख किया कि पिछली भर्तियों के कानूनी पेचीदगियों को सुलझाने के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें चिकित्सकों और पशु परिचारकों के लिए 619 और 5934 नए पद शामिल हैं। इससे पशुपालन और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा।

ऊष्ट्र संरक्षण और अन्य प्रोत्साहन योजनाएँ

राज्य में ऊंटों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत सहायता राशि को दोगुना कर दिया गया है। जो पहले 10 हजार रूपये थे अब वो 20 हजार रूपए हो जाएगी। इसके अलावा गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना द्वारा लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

पिछली सरकार की नीतियों की समीक्षा

मंत्री ने पिछली सरकार द्वारा किए गए वादों की धरातल पर कमी को उजागर किया। उन्होंने कहा कि कई घोषित परियोजनाएँ जैसे कि नवीन पशु चिकित्सा महाविद्यालय और वेटरनरी कॉलेज नहीं खोले जा सके। वर्तमान सरकार ने इन कमियों को दूर करने के लिए पहल की है और महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है।