वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट प्रस्तुत किया। इस बजट प्रस्तुतीकरण के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं जिसमें सबसे प्रमुख थी मुद्रा लोन की लिमिट को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की घोषणा। यह निर्णय निश्चित रूप से छोटे उद्यमियों और व्यवसायियों के लिए एक बड़ी राहत और सहायता का स्रोत साबित होगा।
मुद्रा लोन की नई लिमिटस और शर्तें
मुद्रा लोन जो कि एक प्रमुख सरकारी लोन योजना है, अब तीन श्रेणियों में विभाजित है: शिशु, किशोर और तरुण। शिशु कैटेगरी के तहत पहले 50 हजार तक का लोन मिलता था किशोर में 50 हजार से 5 लाख तक और तरुण में 5 लाख से 10 लाख तक। अब इसे बढ़ाकर तरुण श्रेणी के लिए 20 लाख तक कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी उन लोगों के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करेगी जिन्होंने पहले लोन लिया था और उसका सफलतापूर्वक भुगतान किया है।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं और उनका प्रभाव
बजट में कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का भी विस्तार किया गया है। उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल और शिशु गृह स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई है। इससे महिलाओं को अपने कामकाजी जीवन और निजी जीवन में संतुलन बनाने में मदद मिलेगी और वे अधिक सशक्त बन सकेंगी।
इसके अलावा मॉडल स्किल लोन योजना में संशोधन किया गया है जिससे कि ₹7.5 लाख तक के लोन की सुविधा सरकारी प्रोत्साहन फंड की गारंटी के साथ प्रदान की जा सके। इस योजना से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है।
एक और नवाचार के रूप में घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक के लोन के लिए ई-वाउचर प्रदान किए जाएंगे जो प्रतिवर्ष 1 लाख छात्रों को सीधे प्रदान किए जाएंगे और लोन राशि का 3% सालाना ब्याज सहायता दी जाएगी। यह विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की ओर उन्मुख करने में मदद करेगा और उन्हें अपने शिक्षण संस्थानों में उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।