आर्थिक उत्थान और बढ़ती हुई संपन्नता के कारण अब भारतीयों में विदेश में बसने की चाह तेजी से बढ़ी है। कई भारतीय अब अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार एक नया जीवन और करियर तलाशने के इच्छुक होते हैं। मार्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2018 के दौरान लगभग 23,000 भारतीय करोड़पतियों ने विभिन्न देशों के नागरिकता कार्यक्रमों का लाभ उठाया है। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन का अनुमान है कि प्रत्येक वर्ष औसतन 6,500 भारतीय जिनकी नेटवर्थ बहुत अधिक है विदेशों में अपना व्यापार शुरू करने के योग्य होते हैं।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया अपनी विविधतापूर्ण संस्कृति और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए विख्यात, भारतीयों के बीच खासा लोकप्रिय है। यह देश न केवल छात्रों को बल्कि पर्यटकों, कुशल पेशेवरों और अस्थायी कामगारों को भी अवसर प्रदान करता है। ‘स्किल सेलेक्ट’ जैसे माइग्रेशन प्रोग्राम के द्वारा भारतीयों के लिए यहाँ बसना और भी आसान हो गया है।
कनाडा
कनाडा भारतीयों के लिए एक प्रमुख डेस्टिनेशन है विशेष रूप से सिख समुदाय के लिए। इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था और अच्छी इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण, कनाडा बसने के लिए एक बढ़िया स्थान है। सरकारी योजनाओं के अनुसार 2024 के अंत तक 10 लाख से अधिक अप्रवासियों के लिए देश के द्वार खुलने की उम्मीद है।
सिंगापुर
सिंगापुर को अपनी स्वच्छता और वैश्विक वित्तीय हब के रूप में पहचाना जाता है। ‘ग्लोबल इन्वेस्टर प्रोग्राम’ और ‘फोरेन आर्टिस्टिक स्कीम’ जैसी योजनाओं ने यहां निवास करने की आकांक्षाओं को बल दिया है।
जर्मनी
जर्मनी अपनी प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज और ऑटोमोटिव उद्योग के लिए मशहूर है। विदेशियों के लिए विभिन्न वीजा विकल्पों के साथ जर्मनी में बसना और भी आसान हो गया है। यहाँ की आकर्षक सैलरी और जीवन स्तर यहाँ कार्यरत लोगों के लिए एक गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करते हैं।
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड अपने प्राकृतिक लैंडस्केप और मजबूत सांस्कृतिक मूल्यों के लिए जाना जाता है। यह विदेशी छात्रों और पेशेवरों के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन है। विजिटर, स्टूडेंट, वर्क और रेजिडेंसी वीजा की सुविधाएं यहां बड़ी ही सरलता से उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट और स्थायी निवासी बनने की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हैं।